Ayodhya. रामलला के दरबार में रामजन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल रामनवमी के दिन, जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, ठीक उसी समय सूर्य तिलक भी होगा। तीन शुभ योग रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और सुकर्मा में रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। 6 अप्रैल को दोपहर ठीक 12 बजे रामलला के जन्म की आरती होगी, जिसमें उन्हें पांच प्रकार की पंजीरी और 56 भोग अर्पित किए जाएंगे।
रामनवमी पर सुबह छह बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो रात 11 बजे तक लगातार जारी रहेगा। इस दौरान रामलला का अभिषेक, श्रृंगार, राग-भोग, आरती और दर्शन का सिलसिला एक साथ चलेगा। राममंदिर में इस अवसर पर भव्य फूलबंगला झांकी सजाई जाएगी और पूरा मंदिर शाम होते ही विशेष प्रकार की लाइटिंग से जगमगाएगा।
रविवार को सूर्य तिलक के लिए मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किए गए हैं। ताकि सूर्य की किरणें सटीक रूप से रामलला के ललाट पर पहुंच सकें। सूर्य की रश्मियां लेंस के माध्यम से दूसरे तल के मिरर पर पहुंचेंगी और फिर इन किरणों का टीका 75 मिलीमीटर के आकार में रामलला के ललाट पर दैदीप्तिमान होगा। यह प्रक्रिया सूर्य की गति और दिशा पर निर्भर करेंगी।